Hindutva Ki Punarvyakhya | An Original Thought Towards The Re-Establishment of Hindu Rashtra Book In Hindi(Hardcover, Dr. Bizay Sonkar Shastri)
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आज देश में ही नहीं, अपितु संपूर्ण संसार में हिंदू और हिंदुत्व को समझ लेने की लोगों में प्रबल उत्कंठा है। हिंदुस्थान की परंपरागत संस्कृति और सभ्यता को मानवहित में एक बार पुनः समझने का प्रयास हो रहा है। राजनीतिक अथवा वैयक्तिक हितों की पूर्ति के लिए सनातन हिंदू जीवन के मानवीय एवं कल्याणकारी मूल्यों के साथ होने वाली छेड़छाड़, उपहास तथा कुप्रचार पर तीव्र गति से मंथन चल रहा है।आक्रांताओं के अत्याचार, मारकाट, लूटपाट तथा भयंकर नरसंहार को झेलते हुए आज भी हिंदू अपने धर्म, संस्कृति एवं जीवन पद्धति की रक्षा में सफल है। वर्चस्व की लड़ाई में परमाणु विध्वंस, भू-सीमा के लिए विस्तारवाद, उग्रवाद एवं आतंकवाद का सहारा, अनावश्यक वैश्विक इसलामिक जेहाद के आधार पर भयानक नरसंहार तथा ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्म-परिवर्तन कराकर जनसंख्या के आधार पर संपूर्ण विश्व पर शासन करने की कुचेष्टा ने अब मानव को कहाँ-से-कहाँ पहुँचा दिया है? ऐसे में आज हिंदुओं के अस्तित्व की रक्षा एवं हिंदुस्थान के प्राचीन राष्ट्रीय मिशन को ध्यान देना आवश्यक है। हिंदुस्थान का राष्ट्रीय मिशन विश्व शांति, पर्यावरण सुरक्षा, वसुधैव कुटुम्बकम् तथा विश्व का मार्गदर्शन करना है, तभी भारत 'विश्वगुरु' कहलाएगा।प्रस्तुत पुस्तक अत्यंत सारगर्भित रूप में हिंदुत्व की पुनर्व्याख्या कर मौलिक चिंतन तथा बौद्धिक बल देने का एक सशक्त माध्यम है।